Type Here to Get Search Results !

नेट न्यूट्रैलिटी क्या है? नेट न्यूट्रैलिटी के फायदे एवं नुकसान क्या हैं?


 क्‍या है नेट न्यूट्रैलिटी ?

अगर आपसे कहा जाये कि फेसबुक के लिये 250 रू. महीना, गूगल और यू ट्यूब के लिये 300 रू. महीना और व्हाट्सएप यूज करना है तो 100 रू. महीने का अलग से रीचार्ज करना होगा तो आपको कैसा लगेगा। सीधी से बात है किसी को अच्‍छा नहीं लगेगा । 

अगर नेट न्यूट्रैलिटी खत्‍म हुई तो ढेरों इंटरनेट के अलग से पैसे नहीं देने पडेंगें, तो आईये जानते हैं आखिर क्‍या है नेट न्यूट्रैलिटी ?


क्‍या है नेट न्यूट्रैलिटी ?

अभी आप इंटरनेट यूज करने के लिये अपने हिसाब से डेटापैक का चयन करते या रीचार्ज कराते हैं और इंटरनेट पर अपनी मर्जी का कुछ भी जैसे वॉट्सऐप, स्काइप, वाइबर, फेसबुक, गूगल सर्च या यूट्यूब यूज करते हैं जिसमें आपके डेटापैक के हिसाब से स्‍पीड और डेटा मिलता है, यानि जैसा रीचार्ज वैसी स्‍पीड इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होती है, आप बिलकुल आजादी से इंटरनेट का इस्‍तेमला करते है। इसे नेट न्यूट्रैलिटी कहते हैं ।

 

Computer Knowledge in Hindi (Videos)


क्‍या है नेट न्यूट्रैलिटी से फायदा ?

नेट न्यूट्रैलिटी से आप इंटरनेट पर पूरी तरह से आजाद हैं, एक बार डेटापैक डलवाने के बाद आप किसी भी बेवसाइट को यूज कर सकते हैं और जो स्‍पीड आपने सलेक्‍ट की है वह सभी बेवसाइट पर एक समान रहेगी । कोई भी बेवसाइट या एप्‍लीकेशन के लिये अलग से फीस नहीं देनी होती है। सब कुछ फ्री होता है । ‘नेट न्यूट्रैलिटी’ में सभी प्रकार के इंटरनेट ट्रैफिक के साथ समान बर्ताव किया जाता है । 

 

नेट न्यूट्रैलिटी खत्‍म होने से क्‍या नुकसान होगा ?

जो बेवसाइट टैलीकॉम कम्‍पनियों को फीस देगें या उनसे जुडे होगें केवल वही फ्री होगें, इसके अलावा यूजर के लिये इंटरनेट के अन्‍य बेवसाइट ब्‍लॉक होगें या बहुत स्‍लो होगें, अगर यूजर उन्‍हें यूज करना चाहेगा तो उसके लिए अलग से इंटरनेट प्लान लेना पड़ेगा । अगर नेट न्यूट्रैलिटी खत्‍म हुई तो आपके लिये गूगल, फेसबुक और यूट्यूब नहीं रहेगें फ्री ।


Computer Knowledge in Hindi (Videos)

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad