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रक्त एवं रक्त की संरचना से संबंधित विभिन्न जानकारी।


रक्त (BLOOD) -

रक्त का अध्ययन करना Hematology कहलाता है तथा रक्त निर्माण की प्रक्रिया हिमोपोइसिस कहलाती है। रक्त एक तरल सयोजी ऊतक है। एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में 5 से 6 लीटर तक रक्त होता है जो शरीर के भार का लगभग 7 से 8 % होता है। सामान्य व्यक्ति के रक्त का PH स्तर 7.35 से 7.45 तक होता है।

रक्त की सरंचना -

रक्त प्लाज्मा तथा रुधिर कणिकाओं, प्लेटलेट्स से मिलकर बना होता है।

प्लाज्मा -

★ यह हल्के पीले रंग का निर्जीव द्रव भाग होता है जिसकी  प्रकृति  क्षारीय होती है।

★ यह रक्त का लगभग 55% तरल भाग बनाता है जिसमें 90% जल तथा 10% कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ पाये जाते है ।

★ कार्बनिक पदार्थ के रूप में प्लाज्मा प्रोटीन , विटामिन्स , एमिनो एसिड्स , यूरिक एसिड पाये जाते है।

★ प्लाज्मा प्रोटीन के रूप में ग्लोब्युलिन्स , प्रोथ्रोम्बिन तथा  फाइब्रिनोजेन पाई जाती है जिनमें से ग्लोब्युलिन्स एंटीबाडी बनाने का कार्य करती है तथा शेष दोनों प्रोटीन रक्त का थक्का जमाने में सहायता करती है ।

★ अकार्बनिक पदार्थ के रूप में सोडियम बाइकार्बोनेट, सोडियम क्लोराइड , तथा कुछ मात्रा में  Ca , Mg , K , Fe आदि के फास्फेट , बाईकार्बोनेट , सल्फेट , क्लोराइड आदि होते है। इसके अलावा ऑक्सीजन , कार्बन डाईऑक्साइड , नाइट्रोजन तथा अमोनिया गैस घुली अवस्था में पाई जाती है ।

रुधिर कणिकाएं -

★ ये रक्त का शेष 45 % ठोस भाग बनाती है जिसमें 3 प्रकार की रक्त कणिकाएं पाई जाती है ।
RBC { 44% } , WBC तथा प्लेटलेट्स { 1% }

1. लाल रक्त कणिकाएँ -

★ 1 घन मिलीमीटर में इनकी संख्या लगभग 55 लाख होती है।

★ लाल रुधिर कणिकाओं { RBC } में हीमोग्लोबिन पाया जाता है जिसके कारण इनका रंग लाल होता है और रक्त का रंग भी लाल दिखाई देता है ।

★ RBC की Cells छोटी, चपटी ,गोल तथा दोनों ओर से दबी हुई होती है ।इनमे केन्द्रक नही पाया जाता है।

★ RBC का निर्माण अस्थि मज्जा { bone marrow } में होता है।

★ हीमोग्लोबिन में आयरन { हिम } तथा प्रोटीन { ग्लोबिन } पाया जाता है । यह ऑक्सीजन वाहक का कार्य करता है इस कारण RBC का प्रमुख कार्य शरीर के समस्त अंगो तक आक्सीजन पहुचाना होता है ।

★ RBC का जीवनकाल लगभग 120 दिन का होता है ।

★ ऊँचाई पर जाने से RBC की मात्रा बढ़ती है ।

2. स्वेत रक्त कणिकाएँ -

★ 1 घन मिलीमीटर में इनकी संख्या लगभग 6 से 10 हज़ार होती है।

★  RBC से बड़ी किन्तु संख्या में कम होती है इनका आकर अनियमित ,केन्द्रक अनुपस्थित तथा हीमोग्लोबिन का अभाब होता है ।
इस कारण ये श्वेत तथा रंगहीन होती है ।

★ WBC का निर्माण प्लीहा के अंदर होता है।

★ WBC हानिकारक जीवाणुओं और रोगाणुओं का भक्षण करती है। इसके अलावा ये हिपेरिन नामक एक तरल पदार्थ स्रावित करती है जो रक्त वाहिनियों में रक्त को जमने  से रोकता है।

★ WBC का जीवनकाल लगभग 2 से 6 दिन का होता है।

★ रक्त में WBC की संख्या का अनियमित रूप से बढ़ जाना ल्यूकेमिया कहलाता है जिसे सामान्यतः रक्त कैंसर के नाम से भी जानते है ।
रक्त कैंसर के इलाज के लिये P - 32 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ।

3. प्लेटलेट्स -

★ ये केवल स्तनियो में पाई जाती है । इनमे भी केन्द्रक अनुपस्थित रहता है ।

★ मनुष्यों में इनकी संख्या 2.5 लाख प्रति घन मिलीमीटर होती है ।

★ इनमे 15% वसा तथा 50 % प्रोटीन होता है।

★ इनका जीवनकाल 1 से 8 दिन का होता है।

★ इनका प्रमुख कार्य क्षतिग्रस्त भाग में से बहते हुए रक्त का थक्का जमाना होता है ।

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